स्वास्थ्य क्या है-swasthya kya hai:-
स्वास्थ्य सिर्फ इतना ही नहीं है की हमारा शरीर रोग से मुक्त हो तो हम स्वस्थ है।स्वास्थ्य की एक व्यापक परिभाषा है।
जब तक हमारा मन,तन,सामाजिक जीवन खुशहाल न हो तब तक हम पूरी तरह से स्वस्थ नही कहे जा सकते।
स्वस्थता को हम शारीरिक,मानसिक,सामाजिक तीन भागों में विभाजित कर सकते है । जिसके बारे में हम नीचे विस्तृत बात करेंगे।
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शारीरिक स्वास्थ्य:–
शारीरिक स्वास्थ्य वह स्थिति है।जिसमे इसकी संरचना,विकास,कार्यप्रणाली और रख रखाव शामिल होता है।यह एक व्यक्ति की सामान्य स्थिति है।उस व्यक्ति का भोजन सही ढंग से पच रहा है की नही यह बात भी मायने रखता है।अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के कुछ तरीके है जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे।
1.हमे रोजाना संतुलित आहार लेनी चाहिए जो की ताजी हो और पौष्टिक हो।
2.जितना हो सके स्वच्छ हवा लेनी चाहिए ।धूम्रपान न तो करना चाहिए और जो धूम्रपान कर रहा हो उससे दूर रहना चाहिए।
3.अच्छी नींद लेनी चाहिए ।
4.आपका भार लिंग और आयु के अनुसार होनी चाहिए।
5.शरीर के सभी अंग सामान्य कार्य में हो।
6. पाचन शक्ति सामान्य हो।
7.समय समय पर भूँख लगती हो।
7. दांत साफ सुथरे और मुंह से दुर्गंध न आती हो।
8.शरीर सुदृढ़ और लचीला होना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य:–
मानसिक स्वास्थ्य से हमारा अर्थ है भावनात्मकता से है।जो की हमे निराशा,उदासी, दर्द और कढ़िनाइयो से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।इसे अच्छा बनाए रखने के तरीकों के बारे में हम नीचे बात करेंगे।
1.चेहरे पर खुशी और शांति होनी चाहिए।
2.आप में संतोष होना चाहिये।
3. डर,क्रोध, ईश्या ना हो।
4.मानसिक तनाव और अवसाद न हो।
5.वाणी में संयम और मधुरता होनी चाहिए।
6.स्वार्थी नही होना चाहिए।
7.आपका व्यवहार अच्छा होना चाहिए।
8.जीवो के लिए दया का भाव होना चाहिए।
9.सकारात्मक सोच होनी चाहिए।
इन सबके अलावा और क्या होता है देखिए:–
1.गुस्सा लीवर को खराब कर सकता है।
2.दुख फेफड़े को कमजोर कर सकता है।
3.चिंता अमासाय को खराब कर सकता है।
4.तनाव हमारे दिमाग और हृदय को कमजोर कर सकता है।
5.डर हमारे किडनी को कमजोर कर सकता है।
सामाजिक स्वास्थ्य:–
हम एक सामाजिक जीव है अतः हमे समाज में रहना और सामाजिक वातावरण को संतुलित बनाए रखना चाहिए।हमारे भावनात्मक खुशहाली के लिए अच्छा है।जो की निम्न है।
1.प्रदूषण रहित वातावरण होना चाहिए।
2.शुद्ध पीने का पानी और टंकियों की व्यवस्था होनी चाहिए।
3.मल मूत्र के त्याग के लिए शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए।
4.कूड़े कचरे और अपशिष्ट पदार्थ के निस्तारण की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।
5. वृक्षारोपण अधिक से अधिक करना चाहिए।
6.सार्वजनिक स्थलों को साफ रखना चाहिए।
7.मौसमी फल और हरी सब्जियों की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
ज्यादातर लोग अच्छे स्वास्थ्य के महत्व को समझते ही नही है ।और जो लोग जानते है फिर भी उसका पालन नही करते है।स्वास्थ्य सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नही होना चाहिए बल्कि हमे मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी खुश होना चाहिए ताकि शरीर के साथ साथ हमारा मन भी खुश रहे।
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