शुगर के मरीज को क्या करना चाहिए-diabetes ke rogi ko kya karana chahiye
शुगर(diabetes) से आज हर वर्ग का इंसान परेशान है।यह तब होता है जब शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे बार–बार पेशाब लगना,बार–बार भूख लगना,आंख की रोशनी कमजोर होना जैसी कई समस्याएं हो जाती है।जिसके बारे में हम नीचे विस्तृत बात करेंगे।इस समस्या में अग्नासय में इंसुलिन नियंत्रित नहीं रहता है।
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| Daibetes-check-up |
शुगर के प्रकार
टाइप–1:–इस प्रकार का शुगर तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्नासय में कोशिकाओं को नहीं बनने देती है।यही कोशिकाएं इंसुलिन को बनाती है।टाइप–1 में प्यास ज्यादा लगती है,पेशाब जाने की समस्या बढ़ जाती है,थकान बहुत ज्यादा होता है,वजन का कम होना।यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है।ऐसे मरीज को इंसुलिन बाहर से दिया जाता है और जीवनशैली में बदलाव करने को कहा जाता है।
Daibetes का पता तो खून की जांच से पता चलता है।परंतु टाइप–1 का पता करने के लिए डॉक्टर अन्य टेस्ट भी करा सकते है।
टाइप–2:–इसका मतलब यह है कि अग्नाशय अब पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर रहा है और अगर कर भी रहा है तो वह इंसुलिन उतना प्रभावी नहीं है।आम शब्दों में कहें तो खून में शुगर का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है यह आमतौर पर 40 साल के बाद व्यक्तियों में होता है। मगर कहीं कहीं यह कम उम्र में या बच्चों में भी देखा गया है टाइप–2 शुगर होने पर अत्यधिक प्यास लगना,बार बार पेशाब जाना,थकान,धुंधला दिखाई देना,अधिक भूख लगना,तेजी से वजन का कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं इसका परीक्षण कराने के लिए डॉक्टर आपको फोन की टेस्ट करवा सकते हैं टाइप–2 मधुमेह ठीक करना असंभव है लेकिन एक्सरसाइज से और खानपान से नियंत्रित करके एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं और कई कई मामलों में तो डॉक्टर दवाओं के लिए कह देते हैं।
गर्भावस्था का शुगर:–4% महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान महिला के रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है ऐसा उन महिलाओं में होता है जिनको इससे पहले शुगर नहीं होता है। गर्भावस्था में हार्मोन के परिवर्तन के कारण ऐसा होता है इसका इलाज जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए नहीं तो मां और बच्चे दोनों के लिए जटिलताएं बढ़ जाती हैं वजन को नियंत्रित रख कर गर्भावस्था के पहले से ही यारा पयाम करती हैं खानपान का सही सूचना रखती हैं तो आपका ग्लूकोज नियंत्रित रहेगा।
शुगर की मात्रा क्या होनी चाहिए
अगर आपको diabetes की समस्या है तो–
1.सुबह खाली पेट 70–130mg/dl सामान्य है।
2.खाना खाने से पहले दिन हो या रात में 70–130mg/dl सामान्य है।अगर 50mg/dl या उससे कम है तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए यह खतरनाक है।70–90mg/dl सामान्य इंसान के लिए सही है इसके लिए थोड़ी चीनी खाए घबराए नहीं डॉक्टर से मिलें।90–120mg/dl सामान्य है।120–160mg/dl असामान्य है डॉक्टर से मिले।160–240mg/dl स्तर अधिक है डॉक्टर से मिले।240–300mg/dl शुगर अनियंत्रित हो गया है डॉक्टर से तुरंत सलाह ले।300mg/dl या अधिक होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
3.खाना खाने के दो घंटे बाद 180mg/dl से कम सामान्य है।
4.रात में सोते समय 90–150mg/dl सामान्य है।
अगर आपको diabetes की समस्या नहीं है तो–
1.सुबह खाली पेट 100mg/dl हैं तो सामान्य है।
2.खाना खाने से पहले दिन हो या रात 110mg/dl हैं तो सामान्य है।
3.खाने के 2 घंटे बाद 140mg/dl हैं तो सामान्य है।
4.रात को सोते समय 120mg/dl हैं तो सामान्य है।
गर्भावस्था के समय महिलाओ में शुगर का लेवल निम्न रहता है–
1.सुबह खाली पेट 60–90mg/dl
2.खाना खाने से पहले दिन या रात में 60–90mg/dl
3.खाना खाने के 1 घंटे बाद 100–120mg/dl
Note–जिनको शुगर है वयस्को में 200–350mg/dl है तो अधिक घबराने की जरूरत नही है। फिर भी डॉक्टर से संपर्क करे।बच्चो में 200–240mg/dl हैं तो अधिक घबराने की जरूरत नही है।फिर भी डॉक्टर से संपर्क करे।
क्या खाएं (diet plan)
शुगर के रोगियों को अपने खाने का उचित ध्यान रखना चाहिए खाने पीने की व्यवस्था को सही ढंग से डाइट के अनुसार लेने पर कई जटिलताओं से बचा जा सकता है और अच्छा जीवन जिया जा सकता है।
1. अपने भोजन में प्रतिदिन 60%,कार्बोहाइड्रेट,20% वसा,20% प्रोटीन लेना चाहिए।
2.भोजन से प्रतिदिन 1500 1800 कैलोरी ऊर्जा लेना है।
3. रोज दो मौसमी फल खाना चाहिए और 3 तरह की सब्जियों को खाना चाहिए।
4. मांस का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और रेड मीट का प्रयोग तो कभी नहीं।
दैनिक चार्ट(Daily plan)
1. सुबह उठ कर एक गिलास पानी में आधा चम्मच मेथी पाउडर डाल कर दीजिए या फिर रात में भिगोए हुई जौ के पानी को छान कर पिए।
2. चाय के शौकीन हैं तो बिना मीठे वाली चाय या शुगर फ्री चाय पी सकते हैं।
3. नाश्ते में एक कटोरी अंकुरित अनाज ले सकते हैं बिना मलाई वाला दूध पी सकते हैं कभी-कभी एक कटोरी दलिया भी खा लीजिए एक कप दही,गेहूं के फ्लेक्स और ब्राउन ब्रेड भी ले सकते हैं।
4. दोपहर के भोजन में खाने से पहले कोई फल जैसे अमरुद,संतरा,पपीता या सेब खाएं दो रोटी,एक कटोरी दाल,एक कटोरी हरी सब्जी,दही,प्लेट में सलाद और एक कटोरी चावल लीजिए।
5. शाम को नाश्ते में ग्रीन टी बिना चीनी का हल्का मीठा या बिना मीठे वाला बिस्कुट ले सकते हैं।
6. और रात में भोजन में दो रोटी और सब्जी खाएं सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में चाहे तो आप हल्दी मिलाकर पी सकते हैं।
फलों में क्या खाना है क्या नही खाना है:–
1. अंगूर,चेरी,अनानास,केला,सूखे मेवे और फलों का जूस भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है डायबिटीज के रोगियों के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है और यह हमारे रक्त में शर्करा को बढ़ा देता है।
2. फलों में सेब,अमरूद,नाशपाती,आडू,जामुन खा सकते हैं क्योंकि इनमें फाइबर पाया जाता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं क्योंकि ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं।
सब्जियों में क्या खाना चाहिए:–
करेला,सहजन,मेथी,पालक,शलगम,बैगन,तुरई, टिंडा,परवल,लौकी,मूली,फूलगोभी,ब्रोकली,टमाटर,पत्ता गोभी,सोयाबीन की बड़ी,काला चना,बींस,शिमला मिर्च हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकते हैं और उन से बने हुए सुख का भी सेवन कर सकते हैं।
Note:–शुगर के मरीज को खाली पेट नहीं रहना चाहिए ना ही कभी उपवास रखना चाहिए। दिन भर में 4–5 बार थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
व्यायाम करना चाहिए
शुगर के रोगी को हफ्ते में कम से कम 5 बार 30 से 35 मिनट तक एक्सरसाइज करनी चाहिए अगर आपकी उम्र ज्यादा है यह एक्सरसाइज नहीं कर सकते तो आपको सुबह टहलना चाहिए यह भी एक अच्छा वर्क आउट हो जाएगा प्राणायाम भी शुगर में बहुत फायदेमंद है। अनुलोमविलोम,कपालभाति,पवनमुक्तासन,मंडूकासन वज्रासन,पादपश्चिमोत्तानासन ,शवासन आदि कर सकते हैं और एक्सरसाइज को आप हफ्ते में बदल बदल कर करें इससे आपकी रुचि भी बनी रहेगी और चोट लगने का खतरा भी कम हो जाएगा।

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