किडनी को फिट कैसे रखें–kidney ko fit kaise rakhen

किडनी को फिट कैसे रखें–kidney ko fit kaise rakhen 

किडनी के संकेतों को अगर समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो गंभीर समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है।जो की बहुत खर्चीला होता है और अभी भारत में इसका इलाज हर जगह संभव नहीं है।
अगर अंतिम समय पर पता चलता है तब तक किडनी फेल्योर और किडनी प्रत्यारोपण का खर्चा आम आदमी के लिए संभव नहीं है।
इसलिए समय पर ध्यान दे और संकेतो को नकारे मत।

किडनी रोग के प्रारंभिक लक्षण

पैरो और चेहरे पर सूजन होना,खाने का मन न करना, उल्टी या उबासी आना,लंबे समय से थकावट महसूस होना, पेशाब करने बार बार जाना, पेशाब में तकलीफ भी होना,खून मे फीकापन होना इसके साथ साथ अगर आपको पेशाब में प्रोटीन का जाना या खून में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाए तो भी ये किडनी में गड़बड़ी के प्रारंभिक लक्षण है।तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे ताकि बड़ी परेशानी से बच जाए।

हाईब्लड प्रेशर वाले मरीज की सावधानी

ज्यादातर मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण नहीं दिखते तो मरीज दवा लेना बंद कर देते हैं ऐसे मरीजों में खून का दबाव ऊंचा होने लगता है जिसके कारण किडनी खराब होने की समस्या आ जाती है और तो और कुछ मरीज इलाज को बीच में ही छोड़ देते हैं और दवा नहीं लेने से वह अपने आप को अच्छा महसूस करने लगते हैं परंतु यह भी गंभीर समस्या पैदा करता है जैसे कि दिल का दौरा और स्ट्रोक।
किडनी के रोगी को नियमित रूप से रक्तचाप की दवा लेनी चाहिए और नियमित रूप से जांच भी करवानी चाहिए।

डायबिटीज मरीज के लिए सावधानी

किडनी की बीमारी से बचने के लिए सभी डायबिटीज के रोगियों को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है दुनिया भर में किडनी और सी.के.डी का प्रमुख कारण डायबिटीज है।
हर एक मरीज को जिसको डायबिटीज है किडनी पर के असर को कम करने के लिए प्रत्येक 3 महीने में खून का दबाव एवं पेशाब में प्रोटीन निकल रहा है कि नहीं जांच करानी चाहिए।खून का दबाव बढ़ना पेशाब में प्रोटीन का आना शरीर में सूजन का होना तथा डायबिटीज के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की मात्रा में कमी होना डायबिटीज के कारण किडनी खराब होने का संकेत देते हैं किडनी की कार्य क्षमता का पता करने के लिए प्रत्येक साल एक बार सीरम क्रिएटिनिन और ईजीएफआर की माफ करना चाहिए। यदि डायबिटीज के रोगी को आंखों में तकलीफ की वजह से लेजर का उपचार करना पड़े तो ऐसे मरीजों को किडनी खराब होने की समस्या बहुत ज्यादा होती है ऐसे मरीजों को किडनी की नियमित रूप से जांच करानी चाहिए किडनी को खराब होने से बचाने के लिए यह प्रारंभिक निदान है इसके लिए पेशाब में माइक्रोएल्बुमिनयूरिया की जांच भी करानी चाहिए।

क्रोनिक किडनी फेल्योर मरीजों की सावधानियां

क्रोनिक किडनी फेल्योर एक ऐसी बीमारी है तो ठीक नहीं हो सकती ऐसे मरीज अगर शक्ति से खाने में परहेज करें नियमित दवा और जांच कराएं तो यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है तथा किडनी प्रत्यारोपण या डायलिसिस की जरूरत को लंबे समय तक टाला जा सकता है और इसके लिए यह जरूरी है कि अपने हाई ब्लड प्रेशर को हमेशा नियंत्रित रखें ऐसे मरीज को दो से तीन बार बीपी नाप कर चार्ट बनाना चाहिए।
क्रोनिक किडनी फेल्योर के मरीज में पेशाब करते समय रुकावट महसूस होना पथरी या अन्य संक्रमण शरीर में पानी की मात्रा का कम हो जाना इसका और तुरंत उचित उपचार कराने से किडनी की क्षमता को लंबे समय तक बढ़ाया जा सकता है।

पी.के. डी. के लिए सावधानियां

Polycystic kidney disease (पी.के. डी.) एक प्रकार का वंशानुगत रोग है परिवार के किसी एक सदस्य में इस रोग का निदान होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार परिवार के दूसरे व्यक्तियों को यह बीमारी तो नहीं है इसका पता कर लेना चाहिए यह रोग माता-पिता से बच्चों में आने के 50 परसेंट आशंका रहती है इसलिए 20 वर्ष की आयु के बाद रोग के लक्षण ना होने पर भी खून और किडनी की सोनोग्राफी पेशाब की जांच डॉक्टर की सलाह के अनुसार 2 या 3 वर्ष के अंतराल पर करानी चाहिए जिससे हमें रोग को कम करने में तथा उसका निदान करने में सहायता मिल सकती है।
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मूत्रमार्ग में संक्रमण का उपचार

बच्चों का अगर वजन नहीं बढ़ रहा हो या उन्हें बार-बार बुखार आता हो तो उसके लिए उनके मूत्रमार्ग में संक्रमण जिम्मेदार हो सकता है अगर उसका तुरंत उपचार ना किया जाए तो यह किडनी को क्षति पहुंचा सकता है। इससे भविष्य में किडनी का कमजोर विकास या किडनी में जख्म,हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फैलियर की संभावना बढ़ जाती है और यह समस्या मूत्र मार्ग में जन्मजात से ही होती है। अतः इसकी नियमित जांच और उपचार कराने चाहिए।
बड़ों में मूत्र मार्ग में संक्रमण का खतरा बच्चों की तुलना में कम होता है परंतु अगर बार-बार ऐसा हो रहा हो और दवा से भी आराम ना मिल रहा हो तो इसका कारण जानना बहुत ही जरूरी है हो सकता है मूत्र मार्ग में रुकावट का कारण पथरी हो तो उसका समय से उपचार करा लेना चाहिए।

पथरी और प्रोस्टेट के लिए सावधानियां

किडनी या मूत्र मार्ग में पथरी का उपचार हो जाने के बाद मरीज उपचार के प्रति लापरवाह हो जाता है इसी तरह बड़ी उम्र में प्रोस्टेट की उपचार के बाद मरीज लापरवाह हो जाता है ऐसे मरीजों में लंबे समय के पश्चात किडनी को नुकसान होने का भय रहता है इसलिए समय पर डॉक्टर के सलाह से उपचार कराना जरूरी है।

कम उम्र में हाई ब्लडप्रेशर

अगर आपकी उम्र 30 वर्ष से कम है और आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आप उस को नकारे नहीं यह किडनी के कारण भी हो सकता है इसलिए किडनी की जांच अवश्य कराएं।

तुरंत किडनी फेल्योर का उपचार

तुरंत किडनी खराब होने के कारणों में उल्टी होना,दस्त, मलेरिया,अत्यधिक रक्तस्राव, खून में संक्रमण,मूत्र मार्ग में अवरोध शामिल हैं इनका शीघ्र उपचार कराने पर किडनी खराब होने से बचाया जा सकता है।

एक किडनी वाले व्यक्ति के लिए सावधानियां

एक किडनी वाला मनुष्य भी स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकता है परंतु ऐसे मनुष्य को कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए उसे नमक का सेवन कम करना चाहिए उच्च प्रोटीन युक्त आहार से भी बचना चाहिए इसे चोट से बचाना चाहिए और नियमित डॉक्टर की सलाह पर किडनी की कार्य क्षमता को जांचने परखने के लिए अल्ट्रासोनोग्राफी करानी चाहिए ऐसे व्यक्तियों को पानी अधिक पीना चाहिए।
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दर्द निवारक दवा का उपयोग

आजकल जरा सा भी दर्द होने पर हम और आप दर्द की दवाई लेना शुरू कर देते हैं परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए दाद की दवा बार-बार खाने से किडनी पर बुरा असर पड़ता है इसलिए जब भी कोई दवा खाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ना खाएं चाहे वह एलोपैथिक दवाई हो या आयुर्वेदिक दवाई हो।

अब यहां तो बातें हो गई जिनको कोई बीमारी पहले से हैं उसके लिए अब बातें करेंगे सामान्य व्यक्तियों के लिए कि वह किडनी की समस्याओं से कैसे बच सकते हैं।

1. नियमित रूप से व्यायाम,शारीरिक गतिविधियां करनी चाहिए जो हमारे ब्लड प्रेशर को सामान रखती हैं तथा रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करती है ऐसा करने से मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है।
2. फल और पत्तेदार सब्जियां खाएं चीनी वसा और मांस का उपयोग कम करें भोजन में नमक कम लें।
3. अपने वजन को नियंत्रित करें बीएमआई स्तर की नियमित जांच करें। वजन कम करने से डायबिटीज हृदय रोग और सी.के.डी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
4. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बंद कर दें अभी कडनी की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है।
5. रोजाना 3 से 4 लीटर के बीच पानी पिए पानी पीने से हमारा पेशाब पतला होता है और किडनी की सफाई भी हो जाती है और किडनी में पथरी भी नहीं बनती है।

                                         स्वस्थ रहे । मस्त रहे ।


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