विटामिन ई के फायदे,स्त्रोत–vitamin E advantages,sourcesvitamin-

 विटामिन ई क्या है(what is vitamin E)

विटामिन ई एक बहुत अच्छा एंटी–ऑक्सीडेंट है जो की शरीर को ऑक्सीजन से होने वाली नुकसान से बचाता है जिसे की ऑक्सीजन रेडिकल्स कहते है।
विटामिन ई में टोकोफेरॉल और टोकोट्रायनाल भी पाया जाता है।विटामिन ई हमारे खून में लाल रक्त कोशिकाओ के निर्माण में मदद करता है।यह शरीर के मांसपेशियों अन्य कोशिकाओं को सामान्य रूप से संचालित करने में मदद भी करता ह। विटामिन ई सेल्स के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए सेल मेंब्रेन को भी बनाए रखता है। विटामिन ई शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखने में सहायता करता है।
विटामिन ई में आठ प्रकार के योगिक पाए जाते हैं तू बालों और त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है इसमें सबसे अधिक सक्रिय रूप अल्फा टोकोफेरॉल  होता है।
vitamin_E_advantages_sources
Vitamin-E


विटामिन ई की मात्रा(requirement of vitamin E)

वैसे तो विटामिन ई की मात्रा हम स्वस्थ आहार से प्राप्त कर सकते हैं परंतु इसका सप्लीमेंट भी बाजार में उपलब्ध है।
  • 14 वर्ष की आयु से अधिक लोगों को विटामिन डी 15mg के करीब लना चाहिए।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को विटामिन ई 19mg के करीब लेना चाहिए।

अधिक मात्रा में विटामिन ई के नुकसान(Disadvantages of Too Much Vitamin E)

विटामिन ई वसा में घुलनशील विटामिन है। अधिक मात्रा में लेने से शरीर में जमा होने लगता है और मूत्र मार्ग से बाहर भी नहीं निकाला जा सकता जमा होते होते विषाक्त स्तर तक जमा हो जाता है। खाद्य पदार्थों के द्वारा विटामिन ई  लेना खतरनाक नहीं है परंतु जब पूरक पदार्थ या डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक से विटामिन ई लिया जाता है और जब यह अधिक हो जाता है और विषाक्त हो जाता है। विटामिन ई अधिक मात्रा में लेने से अत्यधिक थकान और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं ध्यान देने वाली बात यह है कि ऑपरेशन से पहले कभी भी विटामिन ई की खुराक नहीं लेनी चाहिए क्योंकि विटामिन ई का पूरा करने से खून पतला भी होता है।

विटामिन ई कमी से होने वाला नुकसान(Vitamin E deficiency damage)

विटामिन ई की की कमी बहुत कम लोगों में होती है। समय से पहले पैदा हुए नवजात शिशु में विटामिन ई की कमी होने से खून की कमी हो जाती है जिससे एनीमिया हो सकता है वयस्क लोगों में विटामिन ई के अभाव से दिमाग की नसों या न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है।
इसके अलावा विटामिन ई की कमी होने से शरीर कुछ आर को वसा में अवशोषित होने से रोकता है कंकाल मायोपैथी,गतिभंग,परिधिय न्यूरोपैथी,रेटिनोपैथी,प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया, तंत्रिका क्षति के संकेत विटामिन ई की कमी से दिखता है।

विटामिन ई के स्त्रोत(sources of vitamin E)

विटामिन ई के कुछ अच्छे स्रोत इस प्रकार हैं:–
  • वनस्पति तेल
  • सूरजमुखी के बीज
  • सोयाबीन
  • मक्का
  • कुसुम
  • ब्रोकली
  • पालक
  • हरी पत्तेदार सब्जी
  • अखरोट
  • मांस और अंडे


विटामिन ई के फायदे(advantages of vitamin E)

  1. विटामिन ई रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है या संक्रमण से लड़ने में कोशिकाओं की मदद भी करता है।
  2. विटामिन ई हृदय रोग,कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से लड़ने में मदद करता है।
  3. विटामिन ई व्यायाम करने के बाद मांसपेशियों को ठीक करने में मदद करता है।
  4. विटामिन ई प्रोस्टाग्लैडिंन नामक हार्मोन के उत्पादन में भी अहम भूमिका निभाता है या हार्मोन ब्लड प्रेशर और मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने के लिए हम भूमिका निभाता है।
  5. क्रोन डिजीज,सिस्टिक फाइब्रोसिस या लीवर की पाचन मार्ग में पित्त रस स्रावित ना कर पाने की क्षमता को विटामिन ई ठीक करता है विटामिन ई के सप्लीमेंट से पाचन संबंधित समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
  6. विटामिन ई आंखों की लंबी अवधि तक रक्षा करता है।
  7. विटामिन ई हर एक नुकसान से मानव कोशिकाओं की रक्षा करता है।
                     
                       स्वस्थ रहें । मस्त रहे ।

  


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ